कालीबंगा:
۞ कालीबंगा से हड़प्पा सभ्यता के साथ-साथ
हड़प्पा पूर्व सभ्यता के अवशेष भी प्राप्त हुए हैं।
۞ कालीबंगा राजस्थान के गंगानगर जिले में
स्थित घग्घर नदी के किनारे स्थित है।
۞ यहां शहर के दोनों भाग दुर्गीकृत हैं।
۞ यहां के घर कच्ची ईंटों के बने हैं।
۞ कालीबंगा का अर्थ काले रंग की मिट्टी की
चूडि़यां होती है।
۞ यहां से लकड़ी के हल तथा जुते खेत के
साक्ष्य मिले हैं जिसके कूंडों के बीच का फसला पूर्व से पश्चिम की ओर 30 सेमी. और
उत्तर से दक्षिण 1.10 मीटर पर है।
۞ यहां कुछ अग्निकुंड मिले हैं जिसे या
प्रणाली से जोड़ा जाता है।
۞ दो फसलों को उगाने का प्रमाण यहां से
मिला है।
۞ यहां के फर्श पर अलंकृत ईंट के प्रयोग
का साक्ष्य मिला है।
۞ इस स्थल में लकड़ी के पाइप के प्रयोग का
प्रमाण मिला है।
۞ यहां से एक शव की प्राप्ति हुई है जो पेट के
बल लेटा हुआ है तथा जिसका सिर दक्षिण में तथा पैर उत्तर दिशा में है।
۞ शल्य चिकित्सा का साक्ष्य यहां से भी
मिला है।
۞ भूकम्प आने का प्राचीनतम साक्ष्य
कालीबंगा से ही मिला है। कालीबंगा से भी एक युग्मित समाधि का अवशेष मिला है।
۞ इस स्थल से एक उस्तरे पर कपास का वस्त्रा
लिपटा हुआ मिला है।
۞ कालीबंगा में प्राप्त बेलनाकार मुहर
मेसोपोटामियाई मुहरों के समरूप थी।
चन्हुदड़ो:
۞ चन्हुदड़ो मोहनजोदड़ो से 130 किमी. दक्षिण
में स्थित है।
۞ यह एकमात्र ऐसा नगर है जो दुर्गीकृत नहीं
है।
۞ यहां हड़प्पा पूर्व की संस्कृति झूकर एवं
झांगर संस्कृति के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
۞ इस स्थल से एक पात्र मिला है जो दवात होने का
प्रमाण देता है।
۞ कांसा का इक्का और बैलगाड़ी का
साक्ष्य यहां से मिला है।
۞ यहां से मनका बनाने का एक कारखाना प्राप्त हुआ
है।
۞ बाढ़ द्वारा विनाश के साक्ष्य यहां से
मिले हैं।
۞ चन्हुदड़ो की एक मुहर पर दो नग्न नारियां
अंकित हैं जो ध्वज पकड़े खड़ी हैं।
۞ वर्गाकार मुहर का साक्ष्य यहां से मिला है।
۞ एक मुहर पर तीन घडि़याल व मछली का अंकन यहां
से प्राप्त हुआ है।
۞ सौंदर्य सामग्री लिपिस्टिक के अवशेष
यहां मिले हैं।
۞ चार पहियों वाला मिट्टी का खिलौना
गाड़ी यहां से मिला है।
۞ दो पशुओं के पैरों के भागते हुए निशान यहां से
मिले हैं।