मोहनजोदड़ो:
۞ मोहनजोदड़ो का अर्थ मुर्दों का टीला होता है।
۞ मोहनजोदड़ों सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर
अवस्थित था जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लरकाना जिले में स्थित
है।
हड़प्पा सभ्यता की अवधि
विद्वान काल
सर जॉन मार्शल 3250-2750 ई.पू.
फेयर सर्विस 2000-1500 ई.पू.
आर. एस. शर्मा 2500-1800 ई.पू.
अर्नेस्ट मैके 2800-2500 ई.पू.
मार्टीमर
व्हीलर 2500-1500 ई.पू.
माधोस्वरूप वत्स 3500-2700 ई.पू.
डेल्स 2900-1900 ई.पू.
सी. जे. गैड 2350-1700 ई.पू.
एन. सी. ई.
आर. टी. 2500-1800 ई.पू.
۞ मोहनजोदड़ो के टीले पर एक बौ) स्तूप बना हुआ
था।
۞ लैम्ब्रिक ने मोहनजोदड़ो की जनसंख्या 35,000 बतलायी है
जबकि फेयरसर्विस के अनुसार मोहनजोदड़ो की जनसंख्या 41,000 थी।
۞ यहां से नगर निर्माण के 9 चरण प्राप्त
हुए हैं।
۞ मोहनजोदड़ो का सबसे महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थल
है विशाल स्नानागार जो गढ़ी के अंदर स्थित है। यह 11.88 मी. लम्बा, 7.01 मी. चौड़ा और 2.43 मी. गहरा है।
इस स्नानागार में नीचे उतरने के लिए उत्तर एवं दक्षिण सिरों में सीढि़यां बनी हुई
थी। इसकी फर्श पक्की ईंटों से बनी है। इसका इस्तेमाल आनुष्ठानिक स्नान के
लिए होता था।
۞ मोहनजोदड़ो की सबसे बड़ी इमारत है अनाज रखने
का कोठार, जो
45.71 मी. लम्बा और
15.23 मी. चौड़ा है।
۞ स्नानागार के पूर्वोत्तर में एक लम्बा भवन है
जिसका ‘एक
बहुत उच्च अधिकारी के आवास अथवा पुरोहितों के सभा-कक्ष के रूप में प्रयोग किया
जाता होगा’।
۞ यहां से बुना हुआ सूती कपड़े का एक टुकड़ा
मिला है।
۞ इस स्थल से मानव कंकाल (शायद नरसंहार) के साक्ष्य
मिले हैं।
۞ मोहनजोदड़ो में बाढ़ द्वारा विनाश के साक्ष्य
मिले हैं।
۞ यहां से कांसे की नृत्य करती हुई नग्न मूर्ति
प्राप्त हुई है। इसका निर्माण द्रवी-मोम विधि से हुआ है।
۞ मोहनजोदड़ो से प्राप्त मुद्रा पर एक योगी की
ध्यान मुद्रा में एक टांग पर दूसरी टांग डाले बैठा दिया गया है। उसके चारों ओर एक
हाथी,
एक
बाघ और एक गैंडा है, आसन
के नीचे एक भैंसा है और पांवों पर दो हिरण है। मार्शल ने इसे शिव, पशुपति का
प्राकृतरूप माना है।
۞ ताम्बा गलाने की भट्टी का साक्ष्य यहां से प्राप्त
हुआ है।
۞ मोहनजोदड़ो से मेसोपोटामिया जैसा बेलनाकार
मुहर मिला है।
۞ सेलखड़ी से बने कुत्ते की एक मूर्ति की
प्राप्ति यहां से हुई है।
۞ सीप से निर्मित स्केल का साक्ष्य भी यहां से
मिला है।
۞ हड़प्पा सभ्यता में एक मात्रा खिड़की का
साक्ष्य यहीं से मिला है।
۞ संख्या में धातु की बनी मूर्तियां सबसे अधिक
मोहनजोदड़ो से मिली हैं।
۞ मोहनजोदड़ो की गलियों में जल्दबाजी में दफनाया
गया या बिना दफनाए शव मिले हैं।
۞ इत्र का साक्ष्य यहां से मिला है।
۞ एक मुद्रा पर लेटे कुद नाग की उपासना करते हुए
एक व्यक्ति का चित्रण यहां से मिला है।
۞ बाट-बटखरे का सामान इस स्थल से मिला है।
۞ मोहनजोदड़ो से गहने का ढेर एवं चांदी की थाली
भी मिली है।
۞ मिट्टी की तराजू यहां से मिली है।
0 Comments