हड़प्पा
सभ्यता: प्रमुख स्थल तथा विशेषताएं:
हड़प्पा:
۞ हड़प्पा पश्चिमी पंजाब प्रान्त के मोंटगोमपरी
जिले में रावी नदी के बायें तट पर स्थित है।
۞ हड़प्पा के दुर्ग में ईंट के बने चबूतरे पर दो
प्रांतों में 6 कोठार मिले हैं। प्रत्येक कोठार
15।23 मीटर लम्बा
और 6.09 मीटर चौड़ा
है।
۞ हड़प्पा में दो कमरों वाले बैरक भी मिले हैं जो
शायद मजदूरों के रहने के लिए थे।
۞ यहां से एक अन्नागार मिला है जो गढ़ी के बाहर
निचले शहर में स्थित है।
۞ यहां किले के दक्षिण में एक शवस्थान पाया गया
है जिसे पुरातत्वविदों ने आर-37 नाम दिया है।
۞ ताबूत शवाधान का साध्य यहां से मिला है।
۞ यहां से श्रंगार बक्सा की प्राप्ति हुई है।
۞ कांसा का इक्का और बैलगाड़ी का साक्ष्य यहां
से मिला है।
۞ खुदाई के दौरान यहां 14 ईंट के भट्ठे
मिले हैं।
۞ यहां से एक कुत्ते का एक हिरण पर आक्रमण करते
हुए पीतल की आकृति मिली है।
۞ एक बर्तन पर मछुआरे का चित्र मिला है।
۞ यहां से एक लाल पत्थर की पुरुष के निर्वस्व
धड़ की आकृति मिली है जिसकी तुलना यक्ष के साथ की जाती है।
۞ इस स्थल से एक नृत्यांगना की मूर्ति भी मिली
है जिसकी तुलना पुरातत्वविदों ने नटराज शिव के साथ की है।
۞ हड़प्पा से एक मृणमूर्ति प्राप्त हुई है जिसके
गर्भ से एक पीपल का पौधा निकलता दिखाया गया है।
۞ इस संस्कृति की अभिलेखयुक्त मुहरें सर्वाधिक
हड़प्पा से ही प्राप्त हुई हैं।
۞ हड़प्पा में परवर्ती काल में सुरमा का साक्ष्य
मिला है।
मोहनजोदड़ो:
۞ मोहनजोदड़ो का अर्थ मुर्दों का टीला होता है।
۞ मोहनजोदड़ों सिंधु नदी के दाहिने किनारे पर
अवस्थित था जो वर्तमान में पाकिस्तान के सिंध प्रान्त के लरकाना जिले में स्थित
है।
हड़प्पा सभ्यता की अवधि
विद्वान काल
सर जॉन मार्शल 3250-2750 ई.पू.
फेयर सर्विस 2000-1500 ई.पू.
आर. एस. शर्मा 2500-1800 ई.पू.
अर्नेस्ट मैके 2800-2500 ई.पू.
मार्टीमर
व्हीलर 2500-1500 ई.पू.
माधोस्वरूप वत्स 3500-2700 ई.पू.
डेल्स 2900-1900 ई.पू.
सी. जे. गैड 2350-1700 ई.पू.
एन. सी. ई.
आर. टी. 2500-1800 ई.पू.
۞ मोहनजोदड़ो के टीले पर एक बौ) स्तूप बना हुआ
था।
۞ लैम्ब्रिक ने मोहनजोदड़ो की जनसंख्या 35,000 बतलायी है
जबकि फेयरसर्विस के अनुसार मोहनजोदड़ो की जनसंख्या 41,000 थी।
۞ यहां से नगर निर्माण के 9 चरण प्राप्त
हुए हैं।